Frequently Asked Questions
प्र1: एन.ओ.एफ.एन क्या है ?
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उत्तर: यह भारत सरकार के डिजिटल भारत पहल का हिस्सा है। एन.ओ.एफ.एन जो एक गैर भेदभावपूर्ण दूरसंचार आधारभूत ढांचे के रूप में परिकल्पित किया गया है, ग्रामीण अभिगमन के अंतर को पाटने का काम करेगा।
एन.ओ.एफ.एन जो सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि (यू.एस.ओ.एफ), संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय,दूरसंचार विभाग, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है, ग्रामीण भारतमें गैर भेदभावपूर्ण अभिगमन द्वारा डिजिटल विभाजन को पाटने के लिए परिकल्पित की गई है।
एन.ओ.एफ.एन की स्थापना से अभिगमन सेवा प्रदाताओं जैसे मोबाइल ऑपरेटरों, केबल टीवी ऑपरेटरों आदि द्वारा अगली पीढ़ी की सेवाएं शुरू करने के लिए नए रास्ते खुल जाएंगे और स्थानीय रोजगार के अवसरों के सृजन को प्रोत्साहन मिलेगा जैसे ई-वाणिज्य, आई टी आउटसोर्सिंग साथ ही ई-बैंकिंग,ई-स्वास्थ्य, ई-शिक्षा आदि।
इस परियोजना के पहले चरण को तीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सी.पी.एस.यू), बी.एस.एन.एल, पी.जी.सी.आई.एल और रेलटेल द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। भारत सरकार की इकाई, भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बी.बी.एन.एल) सी-डॉट द्वारा विकसित एक उच्च क्षमता के नेटवर्क प्रबंधन प्रणाली के द्वारा मुख्य रूप से परियोजना प्रबंधन करेगा। परियोजना की एक प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें प्रयुक्त जी.पी.ओ.एन उपकरण सी-डॉट द्वारा विकसित और स्वदेशीय डिज़ाइन किया गया है और घरेलू स्तर पर निर्मित किया गया है।परियोजना की प्रगति की निगरानी प्राईमावेरा सॉफ्टवेयर के द्वारा की जाएगी।
प्रथम चरण में एन.ओ.एफ.एन, 50,000 ग्राम-पंचायतों को कवर करने के लिए विस्तारित किया जाएगा, शेष 2,00,000 ग्राम-पंचायतों को चरणबद्ध तरीके से दिसंबर 2016 तक कवर किए जाने की संभावना है।
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प्र2: डिजिटल भारत क्या है ?
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उत्तर: डिजिटल भारत प्रभावी शासन सुनिश्चित करने के लिए सरकारी विभागों और भारत के लोगों को एकीकृत करने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। डिजिटल भारत यह भी सुनिश्चित करता है कि सरकारी सेवाएं इलेक्ट्रॉनिक रूप से नागरिकों के लिए उपलब्ध हो और कागजी कार्रवाई कम हो । इस पहल में ग्रामीण क्षेत्रों को तीव्र गति के इंटरनेट नेटवर्क के तहत जोड़ने की योजना भी शामिल है।
एन.ओ.एफ.एन के ज़रिए सभी ग्राम पंचायतों में कोर उपयोगिता के रूप में तीव्र गति इंटरनेट मुहैया कराना और हर नागरिक को उपयोगिता के रूप में डिजिटल बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराना भी इस कार्यक्रम का उद्देश्य है। इसके पूरा होने पर, एन.ओ.एफ.एन के ज़रिए देश के 600 मिलियन से अधिक ग्रामीण नागरिकों को ब्रॉडबैंड संयोजन की सुविधा मुहैया करने की उम्मीद है।
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प्र3: राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एन.ओ.एफ.एन) की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं ?
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उत्तर: प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं -
- ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से विश्व की सबसे बड़ी ग्रामीण ब्रॉडबैंड संयोजन परियोजना।
- भारत के सभी 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ना।
- प्रत्येक ग्राम पंचायत में न्यूनतम 100 एम बी पी एस बैंडविड्थ।
- एन.ओ.एफ.एन , सभी सेवा प्रदाताओं के लिए निष्पक्ष रुप से अभिगमन के लिए आधारभूत ढांचा बनेगा।
- लगभग 6 लाख किलोमीटर नया अभिवृदध्यमान ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाया जाना है ।
- “ मेक इन इंडिया ” के अंतर्गत स्वदेशी उपकरणों के डिजाइन और निर्माण करना ।
- मौजूदा संसाधनों, ऑप्टिकल फाइबर (डार्क फाइबर) का अनुकूलतम उपयोग करना ।
- भारत जैसे भौगोलिक दृष्टि से व्यापक देश में पहली बार जी.पी.ओ.एन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है ।
- भौगोलिक सूचना प्रणाली (जी.आई.एस) सेवाओं की योजना, डिजाइन और विपणन के साथ नक्शा बनाने के लिए।
- नेटवर्क प्रबंधन (एन.एम.एस) के लिए, नजर रखने और समय और प्रावधानीकरण सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र स्थित उच्च क्षमता नेटवर्क आपरेशन सेंटर (एन.ओ.सी) ।
- प्रसार को सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक ओ.एन.टी में वाई-फाई कनेक्टिविटी।
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प्र4: सरकार द्वारा क्या पहल की जा रही है ?
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उत्तर: आज भारत डिजिटल सशक्तिकरण के एक नए युग को साक्ष्य कर रहा है। नई सरकार ने पूरी मजबूती से अपना ध्यान देश के चौतरफा विकास और समावेशी विकास पर केंद्रित किया है। भारत में सभी ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल के साझा मंच के माध्यम से जोड़कर डिजिटल विभाजन को पाटने की दिशा में एन.ओ.एफ.एन परियोजना एक लम्बी छलांग है। डिजिटल भारत की परिकल्पना को आगे ले जाने की दिशा में एन.ओ.एफ.एन एक ऐतिहासिक पहल है जिसका उद्देश्य देश को डिजिटल रुप से एक सशक्त समाज और ज्ञान-अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करना है।
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प्र5: डिजिटल भारत के लिए प्रधानमंत्री की क्या परिकल्पना है ?
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उत्तर: 15 अगस्त 2014 को नई दिल्ली के लाल किला से भारत के 68 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में 'डिजिटल भारत' के लिए अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा , "मैं जब डिजिटल भारत की बात करता हूँ तो मैं विशिष्ट वर्ग की बात नहीं करता हूँ, यह गरीब लोगों के लिए है। अगर भारत के सभी गांवों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ दिए जाए और यदि हम गांवों के हर दूर-दराज कोने में स्कूलों के लिए लंबी दूरी की शिक्षा देने में सक्षम हो जाए तो आप कल्पना कर सकते हैं कि गांवों में बच्चों को कितनी बेहतरीन शिक्षा मिलेगी "। उन्होंने आगे कहा " मैं आज यह कहना चाहूंगा कि देश के हर नागरिक को जोड़ने की क्षमता सूचना प्रौद्योगिकी के पास है और यही कारण है कि देश की एकता के मंत्र को हम डिजिटल भारत की मदद से साकार करना चाहते हैं "।
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प्र6: एन.ओ.एफ.एन डिजिटल भारत के उद्देश्य को कैसे प्राप्त करेगा और एन.ओ.एफ.एन नेटवर्क उपलब्ध कराने का प्रयोजन क्या है ?
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उत्तर: एन.ओ.एफ.एन परिवहन नेटवर्क के रूप में है जो पंचायतों में निम्नलिखित उपयोगिताओं के वितरण के माध्यम से, डिजिटल भारत को लागू करना है:
- पंचायत प्रबंधनः ग्राम सभा बैठकें, गांव के रिकॉर्ड, नागरिकों के आंकड़े को सामयिक बनाना, पंचायतों के प्रभावी प्रदर्शन की निगरानी।
- सामुदायिक भागीदारीः प्रथाओं एवं संचार संसाधनों का प्रखंड और जिला के साथ अंतर—ग्रामीण, अंतर-जिला स्तरीय बंटवारा।
- ज्ञान प्रसारः कृषि के तरीकों, उत्पादकता तकनीकों, लघु उद्यमों, व्यावसायिक शिक्षा की साझेदारी।
- नागरिक सेवाओं का वितरणः स्वास्थ्य, शिक्षा और वित्त आदि नागरिक सेवाओं का वितरण करना है। केन्द्र प्रायोजित / केन्द्रीय क्षेत्र / राज्य प्रायोजित योजनाओं और शिकायत निवारण के लिए सरकार और नागरिक के मध्य संवाद के लिए एक सूत्री सुविधा ।
- विकासात्मक योजना: सड़क, परिवहन और बिजली का संयोजन, अच्छी शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों के रूप में ज्ञान का संयोजन। पीने के पानी और मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन का प्रावधान । किसानों को उनकी उपज के लिए सबसे अच्छा मूल्य मिलें इसके लिए उन्हें बाजार से जोड़कर सक्षम बनाना ।
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प्र7: एन.ओ.एफ.एन क्या मुहैया करेगा ?
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उत्तर: एन.ओ.एफ.एन 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में से प्रत्येक जी.पी. के लिए न्यूनतम 100 एम बी पी एस का एक बैंडविड्थ प्रदान करेगा जिससे ग्रामीण भारत में ई-प्रशासन, ई-स्वास्थ्य, ई-शिक्षा, ई-बैंकिंग, सार्वजनिक इंटरनेट अभिगमन, जी 2 सी, बी 2 बी, पी 2 पी, बी 2 सी आदि, मौसम, कृषि और अन्य सेवाओं की डिलीवरी की सुविधा संभव होगी। प्रचालन और रखरखाव की गतिविधियों, बीपीओ सेवाओं, ग्रामीण उद्यमिता आदि के माध्यम से यह परियोजना एक भारी रोजगार सृजन का अवसर भी हासिल करना चाहती है।
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प्र8: इस नई पहल को कैसे कार्यान्वित करने का प्रस्ताव है ?
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उत्तर: एन.ओ.एफ.एन, भारत के 6600 प्रखंडों और 631 जिलों में फैले 2.5 लाख ग्राम पंचायतों के 600 मिलियन ग्रामीण नागरिकों को ब्रॉडबैंड ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के माध्यम से लिंक करने के लिए निर्धारित है। प्रथम चरण में एन.ओ.एफ.एन, 50,000 ग्राम-पंचायतों को कवर करने के लिए विस्तारित किया जाएगा, शेष 2,00,000 ग्राम-पंचायतों को चरणबद्ध तरीके से दिसंबर 2016 तक कवर किए जाने की संभावना है ।
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प्र9: किस समय सीमा में इस पहल को लागू किया जाना प्रस्तावित है ?
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उत्तर: एन.ओ.एफ.एन, दिसंबर 2016 तक क्रियान्वित किए जाने का लक्ष्य है।देश भर के 26 राज्यों में इस परियोजना पर कार्य शुरू हो चुका है। तीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसयू) अर्थात् बीएसएनएल, पीजीसीआईएल और रेलटेल कार्य के निष्पादन में सक्रिय रूप से शामिल हैं।
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प्र10: एन.ओ.एफ.एन के भाग के रूप में कितना अभिवृदध्यमान फाइबर बिछाया जाना है ?
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उत्तर: यह अनुमान लगाया गया है कि 2.4 किमी/ग्राम पंचायत की वृद्धिशील ओएफसी बिछाई जानी है। इस प्रकार एन.ओ.एफ.एन के अंतर्गत कुल 6,00,000 किलोमीटर की ओएफसी बिछाए जाने की संभावना है।
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प्र11: इस परियोजना की लागत क्या है और वित्तीय सहायता कौन प्रदान करेगा ?
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उत्तर: परियोजना की कुल लागत लगभग 30,000 करोड रुपये हैं। भारत सरकार की सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि (यू.एस.ओ.एफ), इस परियोजना को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है ।
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प्र12: क्या इस परियोजना में विलम्ब हो रहा है और नई सरकार द्वारा निष्पादन में तेजी लाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं ?
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उत्तर: परियोजना सम्पूर्णता में पटरी पर है और देरी नहीं है। कठोर निगरानी और विभिन्न पहलों के जरिए निष्पादन की गति में कई गुना वृद्धि हुई है। तैयार शुदा कार्यान्वयन और विकास में तेजी लाने के लिए निजी क्षेत्र से अतिरिक्त एजेंसियों को जोड़ने की प्रक्रिया में हम भी शामिल है। एक समिति गठित की गई है जो परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए सरकार को विभिन्न पहलों का सुझाव देगी और परियोजना का आकलन करेगी ।
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प्र13: परियोजना के कार्यान्वयन में अब तक क्या ऐतिहासिक हासिल किया गया है ?
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उत्तर: 26 राज्यों के 6600 प्रखंडों में से लगभग 2000 प्रखंडों में ट्रेन्चिंग, पाइप बिछाने और केबल कार्यों के के लिए निविदाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है। ऑप्टिकल फाइबर केबल और सामान उपलब्ध है और 110,000 किलोमीटर के लिए साइट को दिया गया है। इसके अलावा वितरण का कार्य प्रगति पर है ।
ग्राम पंचायत और ब्लॉक के बीच कनेक्टिविटी के लिए आवश्यक जी.पी.ओ.एन उपकरण का वितरण शुरू कर दिया गया है और केरल और कर्नाटक से शुरू करते हुए, स्थापना कार्य बडे पैमाने पर ज़ारी है। आज की तारीख में 999 ग्राम पंचायतों में स्थापना और संयोजन का कार्य पूर्ण हो चुका हैं और अन्य राज्यों में बहुत जल्द काम शुरू होने वाला है।
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प्र14: क्या परियोजना में मार्च 2015 के लिए सौंपे गए 50000 जीपी के लक्ष्य की तुलना में विलम्ब हो रहा है या नहीं ?
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उत्तर: 50000 से अधिक जीपी में ट्रेन्चिंग, बिछाने और केबल कार्यों के लिए निविदा को अंतिम रूप दे दिया गया है। प्रगति की मौजूदा दर से यह अपेक्षा की जाती है कि अप्रैल 2015 तक 20,000 जीपी, करीब 5000 किलोमीटर को संयोजित कर लिया जाएगा और जून 2015 तक, 13 राज्यों के 30 जिलों को कवर करते हुए लगभग 75,000 किलोमीटर पीएलबी डक्ट कार्य पूरा कर लिया जाएगा ।
यह उम्मीद है कि इस वर्ष के दौरान कर्नाटक, केरल, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, पुडुचेरी पूरी तरह से कवर होने वाले पहले राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हो जाएगा ।
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प्र15: क्या किसी भी जिले में अब तक पूरी तरह से किया गया है ?
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उत्तर: 12 जनवरी 2015 को तिरूवनंतपुरम, केरल के इड्डुकी जिला का डिजिटल भारत कार्यक्रम के तहत, भारत के पहले एन.ओ.एफ.एन नेटवर्क के अंतर्गत आने वाले जिले के रूप में शुभारंभ किया गया। इडुक्की जिले के सभी 53 ग्राम पंचायतों के लिए ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध कराई गई जिसमें इड्डुकी जिले का एक दूरस्थ आदिवासी ग्राम पंचायत ईडामलकुड्डी भी शामिल है। यह समझौता वीसैट मीडिया के ज़रिए एन.ओ.एफ.एन से जुड़ा हुआ है जिसने उन्हें आवाज कनेक्टिविटी भी प्रदान की है ।
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प्र16: निष्पादन में कौन सी प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा हैं ?
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उत्तर:
- मुख्य रूप से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, वन विभाग और रेलवे क्रॉसिंग के लिए रेलवे से मार्ग का अधिकार के लिए अनुमति ।
- निष्पादन की गति ।
- पीएलबी डक्टस् की उपलब्धता ।
- विद्युत आपूर्ति, सुरक्षित स्थान के रूप में ग्राम पंचायतों में आधारभूत संरचना का समर्थन ।
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प्र17: एन.ओ.एफ.एन कैसे पर्याप्त बैंडविड्थ के साथ ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा ?
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उत्तर: यह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के मौजूदा ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का उपयोग करके और इसे ग्राम पंचायतों तक बढ़ा कर प्राप्त किया जा रहा है ।
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प्र18: एन.ओ.एफ.एन का तकनीकी विवरण क्या है ?
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उत्तर: नेटवर्क में कई जीपी को एकल फाइबर पर जोड़ने के लिए मार्ग में निष्क्रिय उपकरणों के रूप में स्प्लिटर्स का उपयोग किया गया है।
लगभग 4500 ब्लाकों के लिए योजनाओं को बीबीएनएल के वेबसाइट (www.bbnl.nic.in) पर "अपने फाइबर को जानें" कॉलम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र में रखा गया है ।
बी.बी.एन.एल, सी-डॉट द्वारा विकसित एक उच्च क्षमता के नेटवर्क प्रबंधन प्रणाली द्वारा मुख्य रूप से परियोजना का प्रबंधन करेगा ।
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प्र19: डिजिटल भारत के लिए ऑप्टिकल फाइबर का प्रयोग क्यों किया जा रहा है ?
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उत्तर: ऑप्टिकल फाइबर संचार का सबसे सस्ता साधन है। यह उच्च बैंडविड्थ अनुप्रयोगों को ले जा सकता है ।
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प्र20: किन विभिन्न प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया जाना हैं ?
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उत्तर: राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क परियोजना के लिए जी.पी.ओ.एन (गीगाबिट निष्क्रिय ऑप्टिकल नेटवर्क) प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा। जी.पी.ओ.एन एक खुला मानक तकनीक है।
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प्र21: जी.पी.ओ.एन तकनीक क्या है ?
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उत्तर: जी.पी.ओ.एन को गीगाबाईट निष्क्रिय ऑप्टिकल नेटवर्क के रूप में जाना जाता है ।
एक निष्क्रिय ऑप्टिकल नेटवर्क (पीओएन) एक ऐसे नेटवर्क का आर्किटेक्चर है, जो फाइबर केबल बिछाने और घरों में इस्तेमाल होने वाले एक प्वाइंट से मल्टीप्वाइंट की व्यवस्था के संकेतों को दर्शाता है तथा यह एक ऑप्टिकल फाइबर के कई परिसर की सेवा को सक्षम बनाता है। इस साझे वातावरण में डेटा सुरक्षा गोपनीय बना रहता है। आर्किटेक्चर निष्क्रिय (गैर संचालित) ऑप्टिकल अलग करने जैसा उपयोग करता है और उपकरणों की लागत प्वाइंट-टू-प्वाइंट आर्किटेक्चर की तुलना में कम हो जाती है।
जी.पी.ओ.एन मानक (गिगाबाईट निष्क्रिय ऑप्टिकल नेटवर्क) दूसरे पीओएन मानकों से अलग है, जो उच्च बैंडविड्थ और बड़े एवं बदलाव वाली लंबाई के पैकेट के रूप में उपयोगी उच्च दक्षता को दर्शाता है। जी.पी.ओ.एन फ्रेम विभाजन सेवा संवेदनशील आवाज की देरी और वीडियो संचार यातायात के लिए उच्च गुणवत्ता (QoS) की अनुमति के साथ उपयोगकर्ता ट्रैफ़िक को कुशल पैकेजिंग प्रदान करता है ।
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प्र22: बी.बी.एन.एल क्या है ?
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उत्तर: भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बी.बी.एन.एल) को एक विशेष उद्देश्य के लिए स्थापित किया गया है। इसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एन.ओ.एफ.एन) के प्रबंधन और संचालन के लिए की गई है। बीबीएनएल एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (पीएसयू) / कम्पनी रुप में कम्पनी अधिनियम (1956) के तहत शामिल किया गया है। बी.बी.एन.एल 25 फरवरी, 2012 को निगमित किया गया था ।
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प्र23: राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड के संचालन के लिए सरकार की नीति क्या है ?
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उत्तर: राष्ट्रीय दूरसंचार नीति (एनटीपी) 2012 के अनुसार :-
- वर्ष 2015 तक मांग के अनुसार सस्ती और विश्वसनीय ब्रॉडबैंड।
- वर्ष 2017 तक 175 लाख कनेक्शन का लक्ष्य।
- वर्ष 2020 तक कम से कम 2 एमबीपीएस की गति और मांग के अनुसार 100 एमबीपीएस तक उच्च गति के 600 लाख कनेक्शन का लक्ष्य।
- दूरसंचार और बी.बी. कनेक्टिविटी को बुनियादी आवश्यकता जैसे, शिक्षा और स्वास्थ्य के रूप में मान्यता देना और ‘‘ ब्रॉडबैंड का अधिकार’’ की दिशा में काम करना।
- मौजूदा कार्यक्रमों और भविष्य में सरकार के कार्यक्रमों जैसे, ई-प्रशासन, ई-पंचायत, मनरेगा, एनकेएन, आकश आदि के बीच सामंजस्य स्थापित करना एवं ब्रॉडबैंड के बुनियादी संरचना के आदान—प्रदान के लिए सूची बद्ध करना ।
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