पृष्ठभूमि
Last Updated On: 06/08/2015
विश्व बैंक के एक अध्ययन के अनुसार अनुमान लगाया गया है कि ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी में 10 प्रतिशत के सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) में 1.38 प्रतिशत की बृद्धि का नेतृत्व करेगा। इन दिनों भारत में ब्रॉडबैंड की पहुंच प्रतिशत से भी कम है।
भारत सरकार ने 25 अक्टूबर 2011 को देश के 2,50,000 ग्राम पंचायतों में बैंडविड्थ के साथ ब्राडॅबैंड कनेक्टिविटी सुनिश्चत करने के लिए राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन) की स्थापना को मंजूरी दी है।
ब्राडॅबैंड सूचना और ज्ञान के लिए सस्ती और साम्यिक पहुंच प्रदान कर लोगों के जीवन में सुधार लाने का एक उपकरण है। ब्रॉडबैंड दिन—प्रतिदिन सभी व्यक्तियों के लिए उनकी जीवन शैली पर सीधा प्रभाव डालने वाला बन गया है। यह व्यापार और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में भी योगदान कर सकता है।
ई-कॉमर्स, ई-बैंकिंग, ई-प्रशासन, ई-शिक्षा और टेली-चिकित्सा के रूप में सूचना और संचार प्रोद्योगिकी (आईसीटी) के अनुप्रयोगों में उच्च गति के इंटरनेट कनेक्टिविटी की आवश्यकता होती है। यह सुविधा एनओएफएन प्रदान करेगा।